मूर्ति बेचने वाले गरीब कलाकार के लिए,किसी ने क्या खूब लिखा है.
गरीबो के बच्चे भी खाना खा सके त्योहारों में,इसिलिये भगवान खुद बिक जाते है बाजारों में.
No comments:
Post a Comment